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रोमांस कहाँ गया? भावनात्मक दूरी के इस दौर में

रोमांस कहाँ गया? भावनात्मक दूरी के इस दौर में

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समीक्षा की गई Climax™

द्वारा लिखा गया Laurène Dorléac

अपडेट किया गया 11/12/2025

रोमांस कहां चला गया है? निजी सीमाओं, मनोवैज्ञानिक समझ और डेटिंग टिप्स के इस युग में भी सच्ची रोमांटिक भावनाएं कहीं गुम-सी हैं। आज दिखावटी “कूल” व्यवहार और असल भावनाओं को छुपाने का चलन बढ़ गया है, जिससे संबंध सतही और निश्छल हो गए हैं। यह लेख बताता है कि तकनीक, चुनावों की अधिकता और अस्वीकार होने का डर कैसे हमारी चाहतों को छिपा देता है। लेकिन दिल से जुड़ाव की चाह अभी भी वही है। जानिए कैसे सचमुच के साहस और खुलेपन से रोमांस लौट सकता है।

उदासीनता की बढ़ती प्रवृत्ति

आजकल डेटिंग की दुनिया में भावनात्मक दूरी और ‘cool’ दिखना एक नया ट्रेंड बन गया है। बहुत अधिक उत्साह या कोशिश दिखाना कई बार मजबूरी या अतिआकांक्षा जैसा माना जाता है। लोग अपने असली इरादे छुपाते हैं जिससे अनचाहा या अस्वीकार होने का डर कम लगे।

Vulnerability का डर

सच्चा रोमांस साहस मांगता है—जैसे खुले दिल से चाहत जताना, रिजेक्शन का जोखिम लेना, या दूसरे के लिए thoughtful gesture करना। हमारे समाज में vulnerability दिखाना अक्सर शर्मिंदगी का कारण बन जाता है, इसलिए लोग खुद को सीमित रखते हैं और sincere कोशिश करने से कतराते हैं।

विकल्पों की भरमार, संवेदनाओं की कमी

डेटिंग ऐप्स ने विकल्पों की बाढ़ ला दी है पर गहराई कम कर दी है। रिश्तों में निवेश की जगह हर पल नया option देखने की होड़ लगी रहती है। बार-बार ध्यान बांटने से connection कभी पनप नहीं पाता, और रोमांस के लिए जरूरी consistency नदारद हो जाती है।

तकनीक से सस्ता हुआ effort

चुटकियों में जवाब, हमेशा ऑनलाइन रहना, emojis या सिंपल “wyd?” जैसे पैटर्न से जुड़ाव superficial लगता है। thoughtful संवाद, योजना और anticipation की जगह अब instant communication ले चुकी है जिससे romance daily habits का हिस्सा नहीं रह गया।

फिर भी रोमांस की ख्वाहिश क्यों?

जैसे-जैसे औपचारिकता बढ़ी है, वास्तविक चाह नहीं घटी। गहरे अध्ययन दिखाते हैं कि सच्चा बंधन, नियमितता और देखभाल, खासकर महिलाओं के लिए, आज भी neurological स्तर पर उतना ही जरूरी है। गैर-परवाह दिखाना आकर्षण नहीं, बल्कि असंतोष का कारण है।

लौटेगा रोमांस कैसे?

रोमांस outdated नहीं, बस कम होता जा रहा है। ईमानदारी का जश्न मनाएं, effort को सराहें, vulnerability अपनाएं—यही connection को जीवंत बनाएगा। जब sincerity को शर्मिंदगी नहीं बल्कि ताकत माना जाएगा, तब रोमांस फिर लौटेगा।

1. एस्तेर पेरेल, 'The State of Affairs', 2017

2. जॉन गॉटमैन, 'The Seven Principles for Making Marriage Work', 2015

3. बैरी श्वार्ट्ज, 'The Paradox of Choice', 2004

4. ब्रिने ब्राउन, 'Daring Greatly', 2012

5. शेरी टर्कल, 'Reclaiming Conversation', 2015

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